Ram lalla Ki Murti Kisne Banayi Hai: कौन है वो शख्स जिसने बनाई रामलाल की मुर्ति जानने के लिए पुरा पढे..
भगवान श्री राम की मूर्ति बनाकर शिल्पकार अरुण योगीराज बहुत ही महत्वपूर्ण बन चुके हैं और इस कारण उन्हें मैसूर की एक मशहूर दुकान महारानी स्वीट्स की तरफ से उनके और उनके परिवार को एक अद्भुत तोहफा भेजा गया है , जिसमें अयोध्या की अनुकृति है और यह अनुकृति विभिन्न प्रकार की मिठाइयों से बनाई गई है .
कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदुरप्पा और भाजपा के वरिष्ठ नेता ने 2 जनवरी को इस बात का ऐलान कर दिया था कि अरुण योगीराज द्वारा बनाई गई रामलला की मूर्ति को हीअयोध्या में स्थापित किया जाएगा .
अरुण योगीराज ने कुछ दिन पहले ही मूर्ति के बारे में पूरी जानकारी दी , उन्होंने बताया इस मूर्ति को बनाने के लिए उनको तकरीबन 5 से 7 महीने का समय लगा,
उनके अनुसार मूर्ति का अयोध्या में स्थापित होना पर्याप्त नहीं है. जब इस मूर्ति के दर्शन सभी लोग करने आएंगे और इसकी प्रशंसा करेंगे,तब जाकर उन्हें खुशी महसूस होगी अरुण योगीराज कर्नाटक के जाने-माने शिल्पकार है, उन्होंने आदि गुरु शंकराचार्य जी की भी मूर्ति बनाई है जिसे केदारनाथ में स्थापित किया गया था।
अयोध्या मंदिर के महासचिव संपत राय ने सोमवार को यह जानकारी दी की रामलला की मूर्ति जो की 22 जनवरी को गर्भ ग्रह में स्थापित किया गया,उसकी लंबाई 51 इंच की है और मूर्ति में 5 साल के रामलला का मार्मिक चित्र दर्शाया गया है ।
उन्होंने बताया की मूर्ति मे भगवान राम ने हाथ में धनुष पकड़ा हुए हैं,और इसे 22 जनवरी 2024 को तकरीबन 1:00 बजे तक गर्भ ग्रह मे स्थापित कर दिया गया .
उन्होंने इस चीज का भी खुलासा किया की मूर्ति का वजन 200 किलो तक हो सकता है.उन्होंने कहा कि प्राण प्रतिष्ठा हो जाने के बाद 23 जनवरी 2024 से यह मंदिर सभी के लिए खोल दिया जाएगा, इसके बाद सभी भक्त-गण रामलला के दर्शन कर पाएंगे
शिल्पकारों का चुनाव

रामलला की मूर्ति बनाने के लिए श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र की ओर से तीन शिल्पकारों का चुनाव किया गया था,जिसमें से अरुण योगीराज को चुना गया
अरुण योगीराज इससे पहले भी बहुत सारी मूर्तियां बना चुके हैं ,आदिगुरुशंकराचार्य की मूर्ति को बनाया है और दिल्ली के इंडिया गेट के पास सुभाष चंद्र जी की जो मूर्ति है वह भी उनके द्वारा बनाई गई है.
पिता से सीखी थी मूर्ति कारीगरी
अरुण योगीराज अपनी पीढ़ी के पांचवें शिल्पकार में से एक हैं,अरुण योगीराज जी के पास MBA की डिग्री है इनको यह शिक्षा अपने पिता B.S. योगीराज जी से विरासत के रूप में मिली.
सन 2008 में इन्होंने अपनी कॉर्पोरेट की नौकरी छोड़ दी, ताकि वह अपनी पीढ़ियों से चली आ रही इस शिल्प कला को संभाल कर आगे बढ़ा सके.
अभी तक वह 1000 से ज्यादा मूर्तियां बना चुके हैं.अरुण योगीराज ने यह भी कहा कि मैं धरती पर अपने आप को सबसे भाग्यशाली मानता हूं कि मुझे इस कार्य का सौभाग्य प्राप्त हुआ .
उन्होंने बताया की हमेशा से ही श्री राम प्रभु और मेरे पूर्वजों का आशीर्वाद मेरे साथ रहा है अरुण योगीराज जी ने बताया कि कभी-कभी मुझे लगता है कि मैं सपनों की दुनिया में हूं.
राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का समारोह नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में हुआ. श्री नरेंद्र मोदी प्राण प्रतिष्ठा के लिए पिछले 11 दिनों से सख्त धार्मिक अनुष्ठानों का पालन कर रहे थे। 22 जनवरी 2024 को श्री नरेंद्र मोदी द्वारा रामलला की मूर्ति का प्रमाण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम संपन्न हुआ.
रामलला जी की मूर्ति को कमल के ऊपर स्थापित किया गया .यह मूर्ति 51 इंच लंबी और 200 किलो भारी है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने यह भी कहा कि इस दिव्य समारोह का हिस्सा बनना भी मेरे लिए खुशी की बात है


